शतरंज के खिलाड़ी निकले उपजिलाधिकारी तमकुही राज
अवैध अतिक्रमण पर चाबुक कब चलाएंगे उपजिलाधिकारी
कुशीनगर ब्यूरो। कुशीनगर जनपद के तहसील क्षेत्र तमकुही राज के ग्राम सभा गड़हिया चिंतामणि में सड़क की भूमि में अवैध तरीके से ईदगाह,मस्जिद,बाउंड्री, के निर्माण का विवाद बढ़ता ही जा रहा है।विगत तीन महीनों से सनातन सेना कार्यवाही की आस लगाए बैठा हुआ है सनातन सेना जिला प्रमुख अर्जुन किशोर साही द्वारा मुख्यमंत्री सहित गोरखपुर मंडल के मंडला आयुक्त,जनपद के जिलाधिकारी,लोक निर्माण विभाग कुशीनगर सहित तहसील प्रशासन तमकुही राज को शिकायत पत्र के जरिए कार्यवाही की मांग की थी। कुछ महीने पूर्व लोक निर्माण विभाग कुशीनगर व तहसील प्रशासन तमकुही राज के संयुक्त टीम द्वारा सनातन सेना टीम व ग्राम सभा के वर्तमान ग्राम प्रधान भरत भूषण पाठक व तमाम ग्राम वासियों की निगरानी में मौके का स्थलीय निरीक्षण तथा सीमांकन की कार्यवाही की संपन्न की गई थी,जिससे स्पष्ट रूप से शिकायत के अनुरूप सड़क की भूमि में अवैध ईदगाह, मस्जिद, बाउंड्री, नल का निर्माण होना पाया गया था।तहसील प्रशासन तमकुही राज द्वारा यह मामला लोक निर्माण विभाग कुशीनगर के अधीन होने का दावा किया था।तहसील प्रशासन के शतरंज के इस खेल को ना ही लोकनिर्माण विभाग समझ पाया और ना ही ग्रामवासी।
लोक निर्माण विभाग कुशीनगर द्वारा तहसील प्रशासन तमकुही राज पर आरोप लगाते हुए यह कहा जा रहा है कि तहसील प्रशासन कार्यवाही करने के बजाय लोक निर्माण विभाग पर यह प्रकरण थोप रहा है,तहसील प्रशासन को पूर्व में पता होने के वावजूद गुमराह करने व कार्यवाही से बचने के लिए शतरंज का खेल खेला जा रहा है,लोक निर्माण विभाग का इस रास्ते से कोई वास्ता नहीं है अभिलेखों में राजस्व के नाम से अंकित है।जिसके संदर्भ में पूर्व में ही उपजिलाधिकारी तमकुही राज को पत्र के माध्यम से सूचित कर दिया गया है।सनातन सेना फाउंडेशन जिलाध्यक्ष अर्जुन किशोर साही ने जिला प्रशासन से यह अपील किया है कि इस प्रकरण पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जाए अन्यथा हमे भारी संख्या में रास्ते की भूमि पर निर्माण अवैध ईदगाह,मस्जिद का घेराव कर बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन करने हेतु विवश होंगे,जनहानि की संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन,तहसील प्रशासन व लोक निर्माण विभाग की होगी।हम प्रशासन से शांति तौर पर कार्यवाही की मांग करते हैं, ओल्हापाती और शतरंज के खेल को बंद कर वैधानिक कार्यवाही किया जाय।