आयोध्या
रवि शुक्ला ब्यूरो चीफ।
अयोध्या जनपद विकासखंड मया बाजार में ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर कस्बा में मनरेगा के तहत एक गंभीर भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। यहां ऑनलाइन हाजिरी में अपलोड की गई छायाचित्रों में कई विकलांग और विधवा महिलाओं के फोटोग्राफर का दुरुपयोग किया गया है। मनरेगा के अंतर्गत कार्यरत व्यक्तियों की ऑनलाइन हाजिरी में ऐसे नाम दर्ज किए गए हैं जो वास्तव में कार्य में शामिल नहीं थे। हाजिरी में शामिल नामों में रामपियारे, चमेली, राम अछेवार, और अन्य शामिल हैं, जबकि वास्तविक हाजिरी में उपस्थित विकलांग और विधवा महिलाएं जैसे निर्मला, पूनम, और गीता को नजरअंदाज कर दिया गया है।इस भ्रष्टाचार के पीछे रोजगार सेवक शांति यादव के पति रमेश यादव का हाथ बताया जा रहा है। रमेश यादव पर आरोप है कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी का दुरुपयोग करते हुए मनरेगा की ऑनलाइन हाजिरी में गलत तरीके से नाम जोड़े हैं। यह स्पष्ट है कि उन्होंने स्थानीय निवासियों के हक में कटौती करते हुए आर्थिक लाभ के लिए यह खेल खेला है।यह मामला केवल भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों का शोषण करने का भी है। विकलांग और विधवा महिलाओं फोटोग्राफर लगाकर दूसरों के नाम से भुगतान किया जा रहा है इससे यह सवाल उठता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तव में किसे मिल रहा है?मया ब्लॉक के इस मामले ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासन में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं। यह आवश्यक है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके और वास्तविक लाभार्थियों को उनका हक मिल सके। ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है।