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दिल्ली की अदालत ने मंगलवार को अभियोजन पक्ष और विधायक की कानूनी टीम दोनों की दलीलों के बाद आगे की जांच की अनुमति देते हुए बालियान की पुलिस हिरासत एक दिन के लिए बढ़ा दी थी। पुलिस ने तर्क दिया कि बालियान का सामना दो पीड़ितों से कराने की जरूरत है जो नए आरोपों के साथ सामने आए हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़ित ‘ए’ ने दावा किया कि बालियान के एक सहयोगी ने जबरन उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया है, जबकि पीड़ित ‘बी’ ने उनकी संपत्ति को घाटे में बेचने की धमकी देने का आरोप लगाया है।
दिल्ली की राउज़ एवेन्यू अदालत ने आप विधायक नरेश बाल्यान को जमानत दे दी। 30 नवंबर को दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने एक कथित जबरन वसूली मामले में गिरफ्तार किया था। आप विधायक को बेल मिलते ही फिर से अरेस्ट कर लिया गया है। उन पर अब मकोका केस में कार्रवाई की गई है। इससे पहले उत्तम नगर से विधायक बालियान गैंगस्टर कपिल सांगवान से जुड़े एक सिंडिकेट में शामिल होने के आरोपों के बाद पुलिस हिरासत में थे। मामला पिछले साल का है, जब बाल्यान पर गिरोह के सदस्यों के माध्यम से संपत्ति मालिकों को कम कीमत पर अपनी संपत्ति बेचने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है।
दिल्ली की अदालत ने मंगलवार को अभियोजन पक्ष और विधायक की कानूनी टीम दोनों की दलीलों के बाद आगे की जांच की अनुमति देते हुए बालियान की पुलिस हिरासत एक दिन के लिए बढ़ा दी थी। पुलिस ने तर्क दिया कि बालियान का सामना दो पीड़ितों से कराने की जरूरत है जो नए आरोपों के साथ सामने आए हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़ित ‘ए’ ने दावा किया कि बालियान के एक सहयोगी ने जबरन उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया है, जबकि पीड़ित ‘बी’ ने उनकी संपत्ति को घाटे में बेचने की धमकी देने का आरोप लगाया है।
रिमांड आवेदन में कहा गया है कि बालियान और सिंडिकेट के बीच “गहरे संबंध” का पता लगाने और उसके सहयोगियों की पहचान करने के लिए विस्तार महत्वपूर्ण था। बालियान का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष वशिष्ठ ने तर्क दिया कि गिरफ्तारी निराधार थी। वशिष्ठ ने कहा कि मैं (बालियान), खुद एक पीड़ित हूं और पुलिस ने मुझे आरोपी बना दिया है। उन्होंने एक लोक सेवक को गिरफ्तार किया है और ऐसा करने का कोई कारण नहीं बताया है। गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध और बिना किसी आधार के है।
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