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उम्मीद है कि कांग्रेस नेता अभियान के हिस्से के रूप में रैलियों और कार्यक्रमों को संबोधित करेंगे, जिसमें लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदाताओं के विश्वास के महत्व पर जोर दिया जाएगा।
महाराष्ट्र कांग्रेस चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल के विरोध में राज्य भर में हस्ताक्षर अभियान शुरू करने की तैयारी कर रही है। पार्टी पारंपरिक पेपर बैलेट प्रणाली की वापसी की वकालत कर रही है। पार्टी नेताओं ने ईवीएम की पारदर्शिता और विश्वसनीयता के बारे में चिंता जताई है, सुझाव दिया है कि कागजी मतपत्रों पर लौटने से चुनावी प्रक्रिया में विश्वास बहाल होगा। अभियान का लक्ष्य इस मांग के लिए व्यापक जन समर्थन जुटाना है।
उम्मीद है कि कांग्रेस नेता अभियान के हिस्से के रूप में रैलियों और कार्यक्रमों को संबोधित करेंगे, जिसमें लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदाताओं के विश्वास के महत्व पर जोर दिया जाएगा। अभियान की समय-सीमा और रणनीति पर अधिक जानकारी आने वाले दिनों में मिलने की उम्मीद है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कमजोर तबकों का वोट जाया हो रहा है और ऐसे में मतपत्रों के जरिए मतदान होना चाहिए तथा इस मांग को लेकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तरह एक मुहिम शुरू करनी है। उन्होंने कांग्रेस के विभिन्न प्रकोष्ठों की ओर से आयोजित ‘संविधान रक्षक अभियान’ कार्यक्रम में यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जाति जनगणना कराने से डरते हैं क्योंकि इन्हें लगता है कि ऐसा करने से सभी वर्ग अपनी हिस्सेदारी मांगने लगेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि एससी, एसटी, ओबीसी, गरीब तबके के लोग अपनी पूरी शक्ति लगाकर वोट दे रहे हैं, उनका वोट फिजूल जा रहा है…हमें मतपत्र के जरिये वोट चाहिए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी जी के घर, या अमित शाह के घर में मशीन रखने दो, अहमदाबाद के किसी गोदाम में रखने दो। लेकिन हमें मत पत्र चाहिए। खड़गे ने कहा कि पार्टी की तरफ से एक मुहिम शुरू करनी चाहिए। सभी पार्टियों को कहेंगे। जैसे राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली गई थी, वैसे ही ‘मत पत्र चाहिए’ की मुहिम शुरू करनी होगी। उन्होंने महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी की करारी हार के बाद यह टिप्पणी की है।
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