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अभिनेता सलमान खान के आवास के बाहर गोलीबारी से जुड़े मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने आरोपी, अनुज थापन की मौत हिरासत में हुई मौत प्रतीत नहीं होती। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि इस मौत मामले में कुछ भी संदेहास्पद नहीं है।
मुंबई । बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि अभिनेता सलमान खान के आवास के बाहर गोलीबारी से जुड़े मामले में आरोपी, अनुज थापन की मौत हिरासत में हुई मौत प्रतीत नहीं होती। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि इस मौत मामले में कुछ भी संदेहास्पद नहीं है। चौदह अप्रैल को, मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों ने उपनगरीय बांद्रा इलाके में स्थित अभिनेता सलमान खान के आवास के बाहर गोलीबारी हुई थी।
जिसके बाद 26 अप्रैल को पुलिस ने गुजरात से विक्की गुप्ता और सागर पाल जबकि पंजाब से थापन को गिरफ्तार किया था। एक मई को थापन ने कथित तौर पर पुलिस हिरासत के दौरान आत्महत्या कर ली थी। अपराध शाखा के हवालात के शौचालय में उसका शव मिला था। अदालत ने यह टिप्पणी मामले की जांच करने वाले मजिस्ट्रेट द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद की।
कानून के अनुसार, हिरासत में मौत के मामलों में मजिस्ट्रेट जांच की जानी आवश्यक है। थापन की मां रीता देवी ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी और दावा किया था कि उनके बेटे की हत्या की गई है। मजिस्ट्रेट रिपोर्ट पर गौर करने के बाद पीठ ने कहा कि थापन की “मौत को लेकर कोई संदेह नहीं है।” अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी को तय की है और देवी के वकील से मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट देखने को कहा है।
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