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गहलोत ने आगे कहा कि कई सरकारें बदलीं। बदलाव और संवैधानिक संशोधन होते रहे हैं लेकिन संविधान पर मंडराते खतरे को लेकर फर्क है। आज संविधान बचाओ दिवस मनाया जा रहा है तो फिर ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई?
संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणियों पर उन पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार के दौरान संविधान के तहत गठित सभी संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम क्यों कह रहे हैं कि लोकतंत्र ख़तरे में है? संविधान के तहत बनी संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है, यह खतरा है। गहलोत ने आगे आरोप लगाया कि संविधान पर खतरा मंडरा रहा है और सरकार द्वारा बिना किसी बहस के पारित किए जा रहे विधेयकों से ‘अविश्वास’ की स्थिति पैदा हो गई है।
गहलोत ने आगे कहा कि कई सरकारें बदलीं। बदलाव और संवैधानिक संशोधन होते रहे हैं लेकिन संविधान पर मंडराते खतरे को लेकर फर्क है। आज संविधान बचाओ दिवस मनाया जा रहा है तो फिर ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई? उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन के समय कुछ ऐसी प्रक्रियाएं अपनाई गई होंगी। कई बार मामलों पर बहस करनी पड़ती है लेकिन इस सरकार द्वारा शॉर्टकट तरीके से बिल पास करने से लोगों में अविश्वास की स्थिति पैदा हो गई है।
इससे पहले शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर चर्चा की शुरुआत राजनाथ सिंह ने की. उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण को ‘हाइजैक’ करने के प्रयास के लिए पार्टी की आलोचना करते हुए कांग्रेस पर परोक्ष हमला बोला। राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि देश का ‘संविधान’ भारत के मूल्यों पर चलने वाले लोगों द्वारा बनाया गया था और एक ‘विशेष पार्टी’ द्वारा इसे ‘हाइजैक’ करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि संविधान-निर्माण के कार्य को हमेशा एक विशेष दल द्वारा हाईजैक करने का प्रयास किया जाता रहा है। हमारा संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है। इसे भारत के लोगों द्वारा इस विविध राष्ट्र के मूल्यों और आकांक्षाओं को मूर्त रूप देते हुए बनाया गया था।
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