ANI
मोदी ने आगे कहा कि उस समय मेरी BAPS के एक संत से बात हुई और मुझे लगता है रात के 12 या 1 बजे होंगे। मैंने उनसे अनुरोध किया कि बड़ी संख्या में पोलैंड पहुंच रहे भारतीयों की मदद के लिए मुझे आपके समर्थन की आवश्यकता है और मैंने देखा कि कैसे आपका संगठन रातोंरात पूरे यूरोप से बीएपीएस कार्यकर्ताओं को एक साथ लाया।
अहमदाबाद में आयोजित कार्यकर्ता सुवर्ण महोत्सव को वर्चुअली संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं भगवान स्वामी नारायण को नमन करता हूं- आज 103वीं जयंती है। उन्होंने आगे कहा कि जब यूक्रेन में युद्ध बढ़ने लगा तो भारत सरकार ने तुरंत वहां फंसे भारतीयों को निकालने का फैसला किया। इसके बाद बड़ी संख्या में भारतीय पोलैंड पहुंचने लगे। लेकिन चुनौती थी कि उस युद्ध के माहौल में पोलैंड पहुंचे भारतीयों को कैसे अधिक से अधिक मदद पहुंचाई जाए।
मोदी ने आगे कहा कि उस समय मेरी BAPS के एक संत से बात हुई और मुझे लगता है रात के 12 या 1 बजे होंगे। मैंने उनसे अनुरोध किया कि बड़ी संख्या में पोलैंड पहुंच रहे भारतीयों की मदद के लिए मुझे आपके समर्थन की आवश्यकता है और मैंने देखा कि कैसे आपका संगठन रातोंरात पूरे यूरोप से बीएपीएस कार्यकर्ताओं को एक साथ लाया। BAPS की ये ताकत, वैश्विक स्तर पर मानवता के हित में आपका योगदान बहुत सराहनीय है और इसलिए आज कार्यकर्ता सुवर्ण महोत्सव पर मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दिनों पूरी दुनिया में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की चर्चा हो रही है। इस दिशा में आपके प्रयास भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। आप भारत के विकास को गति देने वाले कई काम कर सकते हैं, जैसे फिट इंडिया। उन्होंने कहा कि युवा विचारों को नए अवसर देने के लिए जनवरी में ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ का भी आयोजन किया जाएगा। इसमें हमारे युवा विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए अपने विचार देंगे। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में सेवा को सबसे बड़ा धर्म माना गया है। सेवा परमो धर्म: – ये सिर्फ शब्द नहीं, ये हमारे जीवन मूल्य हैं। सेवा को श्रद्धा, आस्था और उपासना से भी ऊंचा स्थान दिया गया है।
मोदी ने कहा कि अभी कुछ महीने पहले ही अबू धाबी में भगवान स्वामीनारायण मंदिर की स्थापना की गई है। मुझे उस कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य मिला। उस घटना और उस मंदिर की पूरी दुनिया में इतनी चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत की आध्यात्मिक विरासत को दुनिया ने देखा है। दुनिया ने भारत की सांस्कृतिक विविधता देखी है। ऐसे प्रयास दुनिया को भारत के सांस्कृतिक गौरव और मानवीय उदारता से परिचित कराते हैं। इसके लिए मैं सभी को धन्यवाद देता हूं।
अन्य न्यूज़