prabha sakshi
एक तरफ जीएसटी को आसान टैक्स बनाने की बात कही गई थी मगर इसका जनता कई बार विरोध कर चुकी है। इस मुद्दे पर बोलते हुए प्रोफेसर गौरव कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी 2016 में आया था तब इसे रेवेन्यू न्यूटरल रेट के तौर पर रखने की बात हुई थी।
भारत के प्रमुख हिंदी समाचार पोर्टल प्रभासाक्षी.कॉम की 23वीं वर्षगाँठ पर नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में ‘विचार संगम’ कार्यक्रम के आयोजन में जीएसटी क्यों बना विवाद का मुद्दा विषय पर चर्चा की गई। विपक्ष जहां जीएसटी को गोबर टैक्स कहता है।
एक तरफ जीएसटी को आसान टैक्स बनाने की बात कही गई थी मगर इसका जनता कई बार विरोध कर चुकी है। इस मुद्दे पर बोलते हुए प्रोफेसर गौरव कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी 2016 में आया था तब इसे रेवेन्यू न्यूटरल रेट के तौर पर रखने की बात हुई थी। हाल ही में वित्त मंत्री ने संसद में रिपोर्ट रखी थी कि जीएसटी से 11.6 फीसदी रेवेन्यू आया है। देश में इनडायरेक्ट टैक्स किसी समय में काफी अधिक था जो अब लगभग 11 फीसदी पर पहुंच गया है।
इस वर्ष जीएसटी के दामों को लेकर चर्चा की गई है। लगभग 70 फीसदी टैक्स 80 लाख से अधिक आय वालों से वसूला जा रहा है। आज के समय में भारत में हर टैक्स ट्रांसपेरेंट तकनीक का उपयोगकर बनाया जा रहा है। सरकार लगातार इसमें सुधार करने की जानकारी हासिल कर रही है।