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डब्ल्यूएफआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए आईओए को महासंघ के मामलों के संचालन के लिए एक तदर्थ पैनल का पुनर्गठन करने की स्वतंत्रता देने के आदेश को चुनौती दी। यह अपील कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ के समक्ष आई।
नयी दिल्ली । भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को महासंघ के मामलों के संचालन के लिए एक तदर्थ पैनल का पुनर्गठन करने की स्वतंत्रता देने के आदेश को चुनौती दी। यह अपील कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ के समक्ष आई जिसने इसे 18 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया क्योंकि एक पक्ष के वकील बृहस्पतिवार को उपलब्ध नहीं थे।
डब्ल्यूएफआई ने एकल न्यायाधीश की पीठ के 16 अगस्त के अंतरिम आदेश को चुनौती दी है जिसमें कहा गया था कि आईओए का तदर्थ समिति को भंग करने का निर्णय पिछले साल दिसंबर में चुनावों के तुरंत बाद डब्ल्यूएफआई को निलंबित करने के खेल मंत्रालय के आदेश के अनुरूप नहीं है। एकल न्यायाधीश ने कहा था कि निलंबन आदेश वापस लिए जाने तक तदर्थ समिति के लिए महासंघ के मामलों का संचालन करना आवश्यक है।
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