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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल के टी परनाइक (सेवानिवृत्त) ने राष्ट्र निर्माण में आदिवासी समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और उनके अधिकारों, संस्कृति एवं स्वशासन के लिए आपसी सम्मान और मान्यता के महत्व पर बल दिया। परनाइक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समावेशी विकास के दृष्टिकोण की प्रशंसा की और विश्वास व्यक्त किया।
ईटानगर । अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल के टी परनाइक (सेवानिवृत्त) ने राष्ट्र निर्माण में आदिवासी समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और उनके अधिकारों, संस्कृति एवं स्वशासन के लिए आपसी सम्मान और मान्यता के महत्व पर बल दिया। यहां जनजातीय नेता भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित चौथे जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर राज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि विकास में जनजातीय समुदायों को सक्रिय भागीदार के रूप में शामिल करने से उनके लचीलेपन, ज्ञान और अद्वितीय शक्तियों का लाभ उठाकर राष्ट्र मजबूत होता है।
परनाइक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समावेशी विकास के दृष्टिकोण की प्रशंसा की और विश्वास व्यक्त किया कि यह दिन नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, उद्यमिता और जनजातीय समुदायों के लिए आजीविका के अवसरों के क्षेत्र में योगदान करने के लिए प्रेरित करेगा। राज्यपाल ने राष्ट्र की पहचान को आकार देने में आदिवासी समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण, सामाजिक सामंजस्य के लिए समर्थन और आर्थिक तथा राजनीतिक प्रक्रियाओं में उनका योगदान देश की विविधता को समृद्ध करता है।
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