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जम्मू-कश्मीर फिर बनेगा पूर्ण राज्य! उमर अब्दुल्ला कैबिनेट के प्रस्ताव को LG ने दी मंजूरी, अब केंद्र के पाले में गेंद

जम्मू-कश्मीर फिर बनेगा पूर्ण राज्य! उमर अब्दुल्ला कैबिनेट के प्रस्ताव को LG ने दी मंजूरी, अब केंद्र के पाले में गेंद

ANI

गुरुवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान सर्वसम्मति से पारित किया गया, जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को उसके मूल स्वरूप में बहाल करने की मांग करता है।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली कैबिनेट द्वारा पारित एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसमें केंद्र सरकार से केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह किया गया है। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है। गुरुवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान सर्वसम्मति से पारित किया गया, जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को उसके मूल स्वरूप में बहाल करने की मांग करता है।

अधिक विवरण दिए बिना, अधिकारियों ने पुष्टि की कि एलजी ने प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। प्रवक्ता ने जोर देकर कहा, “राज्य का दर्जा बहाल करना एक उपचार प्रक्रिया की शुरुआत होगी, संवैधानिक अधिकारों को पुनः प्राप्त करना और जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान की रक्षा करना होगा।” कैबिनेट ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के साथ मामला उठाने के लिए अधिकृत किया है।

प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की विशिष्ट पहचान और लोगों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा नवनिर्वाचित सरकार की नीति का आधार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस संबंध में प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करने के लिए आगामी दिनों में नयी दिल्ली जाएंगे। प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने चार नवंबर को श्रीनगर में विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का निर्णय भी लिया है और उपराज्यपाल से सत्र आहूत करने तथा उसे संबोधित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि पहले सत्र के लिए विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण का मसौदा भी मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा गया, जिसके बाद मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया कि इस पर विचार किया जाएगा।

राजनीतिक दलों ने शुक्रवार को कहा था कि प्रस्ताव में केवल राज्य का दर्जा देने का जिक्र है जबकि अनुच्छेद 370 का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने इस प्रस्ताव को पूरी तरह आत्मसमर्पण और सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के रुख के विपरीत बताया। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस कदम की निंदा की और नेशनल कांफ्रेंस को अनुच्छेद 370 बहाल कराने का उसका वादा याद दिलाया।

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