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इंस्पेक्टर आलमबाग थाने के मुताबिक, पुलिस टीम सुबह आठ बजे लखनऊ आई थी। स्थानीय पुलिस के साथ टीम ने सुनील के घर पर दबिश दी। पता चला कि मंगलवार को ही आरोपी बच्चे को लेकर कहीं चला गया।
लखनऊ। मानव तस्करी के मामले में कानपुर पुलिस ने बुधवार सुबह लखनऊ के आलमबाग थाना क्षेत्र के एक आवास पर छापा जरूर मारा था,लेकिन छापे की भनक मानव तस्कर के आरोपी सुनील मलिक को लग गई थी, जिसके चलते वह पुलिस को चकमा देकर घर से भाग गया था। सुनील ही नहीं घर पर कोई भी नहीं मिला। वह नाबालिग भी पुलिस को नहीं मिल पाया जिसको गुरूग्राम से लखनऊ खरीद कर लाया गया था।
इंस्पेक्टर आलमबाग थाने के मुताबिक, पुलिस टीम सुबह आठ बजे लखनऊ आई थी। स्थानीय पुलिस के साथ टीम ने सुनील के घर पर दबिश दी। पता चला कि मंगलवार को ही आरोपी बच्चे को लेकर कहीं चला गया। कानपुर पुलिस बच्चों के पिता से संपर्क कर रही है। मंगलवार को गुरुग्राम से श्री भगवान नामक व्यक्ति ने कानपुर पुलिस को कॉल कर बेटे को बचाने की गुहार लगाई थी।
पुलिस ने गोविंद नगर बी-ब्लॉक निवासी फर्नीचर कारोबारी अंकित आनंद के घर पर छापा मारा था। इस दौरान अंकित के घर से 12 साल का बालक बरामद किया गया था। बालक से अंकित और उसके घरवाले शौचालय की सफाई कराते थे। उसके साथ मारपीट भी की जाती थी।
पूछताछ में अंकित ने बताया था कि आलमबाग निवासी ससुर सुनील मलिक ने गुरुग्राम निवासी दलाल पप्पू यादव के जरिये बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के तरनियाघाट निवासी श्रीभगवान महतो उर्फ रामू से 12 और 8 साल के बच्चों को 30-30 हजार रुपये में खरीदा था। कानपुर पुलिस ने अंकित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। सुनील की तलाश जारी है।
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