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तृणमूल नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भले ही राम मंदिर तो बन गया, लेकिन अयोध्या या कहीं और मस्जिद बनाने को लेकर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसलिए वह पहल करके बंगाल की धरती पर इस मस्जिद का निर्माण कराना चाहते हैं।
तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर ने आज ऐलान करते हुए कहा कि वह बंगाल की धरती पर ‘बाबरी मस्जिद’ बनवाना चाहते हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वह दिसंबर 2025 तक मस्जिद ट्रस्ट बनाकर अगले कुछ सालों में मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी मस्जिद’ बनाना चाहते हैं। हुमायूँ ने स्पष्ट कर दिया कि उसकी योजनाएँ क्या हैं। तृणमूल विधायक के मुताबिक, अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना आज भी देश के मुस्लिम अल्पसंख्यकों की भावनाओं को आहत करती है।
तृणमूल नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भले ही राम मंदिर तो बन गया, लेकिन अयोध्या या कहीं और मस्जिद बनाने को लेकर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसलिए वह पहल करके बंगाल की धरती पर इस मस्जिद का निर्माण कराना चाहते हैं। हुमायूं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जहां बाबरी मस्जिद थी, वहां 18 से 19 फीसदी अल्पसंख्यक रहते हैं। फिलहाल बंगाल में 35 फीसदी मुस्लिम रहते हैं. और मुर्शिदाबाद में करीब 70 फीसदी मुस्लिम रहते हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के अलावा मुर्शिदाबाद भारत का सबसे अधिक मुस्लिम बहुल जिला है। ऐसे में उनका मानना है कि बंगाल की धरती पर इसी जिले में बाबरी मस्जिद होनी चाहिए। हुमायूं ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 की घटना आज भी मुसलमानों को आहत करती है। इसीलिए उन्होंने रेजीनगर या बेलडांगा में से किसी एक स्थान पर एक ट्रस्ट के माध्यम से 2 एकड़ यानी 6 बीघा जमीन खरीदकर इस मस्जिद के निर्माण की पहल खुद की है।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले मुर्शिदाबाद जिले के विभिन्न मदरसों के संचालकों को एक साथ लाकर एक मस्जिद ट्रस्ट बनाया जाएगा और फिर मस्जिद का निर्माण शुरू होगा। तृणमूल विधायक ने कहा, इस ट्रस्ट के सदस्यों की संख्या 200 या उससे अधिक हो सकती है. वह यह ट्रस्ट 6 दिसंबर 2025 तक बनाना चाहते हैं। फिर चाहे जितना समय लगा, उन्होंने इस मस्जिद को बनाने की पूरी योजना बना ली।
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