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दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि नालों को जाम नहीं रहने दिया जा सकता और अगले मानसून में शहर में दोबारा जलभराव नहीं होना चाहिए । इसके साथ ही अदालत ने न्यायिक आदेशों की ‘‘अनदेखी’’ करने को लेकर दिल्ली सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया।
नयी दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि नालों को जाम नहीं रहने दिया जा सकता और अगले मानसून में शहर में दोबारा जलभराव नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने न्यायिक आदेशों की ‘‘अनदेखी’’ करने को लेकर दिल्ली सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा कि शहर में नालों के जाम होने और जलभराव का खामियाजा शहर के निवासियों को भुगतना पड़ेगा तथा इस स्थिति को जारी नहीं रहने दिया जा सकता।
पीठ ने अदालत के पिछले आदेश का पालन न करने पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में तैमूर नगर नाले के कुछ हिस्सों को साफ किया जाए ताकि नाले से यमुना नदी की ओर निर्बाध जल प्रवाह हो सके।
मामले में एक पक्ष के वकील ने अदालत को सूचित किया कि तैमूर नगर नाले में कोई सफाई कार्य नहीं हुआ है, जो अभी भी जाम है। अदालत ने न्यायिक आदेशों की ‘‘अनदेखी’’ करने को लेकर दिल्ली सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया। पीठ ने निर्देश दिया कि इस नोटिस के जवाब में अधिकारी तीन दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करें और अगली तारीख 20 दिसंबर को दोनों अदालत के समक्ष उपस्थित हों।
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