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बलिया की एक स्थानीय अदालत ने पिता की हत्या के प्रयास के दो साल पुराने मामले में बेटे को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बलिया। एक महिला ने अपने ही देवर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई हैं। महिला के घर पर काफी समय से देवर ने कलेश मचा रखा था। विवाद कुछ इस तरह बढ़ गया की ससुर की जान पर बन आया। आखिर बलिया के गांव में हुआ ये पूरा कांड क्या हैं जिसके कारण भाभी की शिकायत पर देवर को 10 साल की सजा कोर्ट ने सुना दी हैं। आइये जानते हैं-
बलिया की एक स्थानीय अदालत ने पिता की हत्या के प्रयास के दो साल पुराने मामले में बेटे को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अभियोजन विभाग के प्रभारी संयुक्त निदेशक पी.एन. स्वामी ने शुक्रवार को बताया कि जिला जज अमित पाल सिंह की अदालत ने बृहस्पतिवार को सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद सुनील तिवारी को दोषी ठहराया और दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
घटना के संदर्भ में स्वामी ने बताया कि जिले के चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के टीका देवरी गांव की निर्मला तिवारी ने शिकायत दी कि एक नवंबर 2022 को जब उनके ससुर बलिराम तिवारी खेत गए थे तो वहां उनके देवर सुनील तिवारी ने अपने पिता को अपशब्द बोलते हुए जान से मारने की नीयत से धारदार हथियार से उनके गले पर प्रहार किया जिससे बलिराम गंभीर रूप से घायल हो गए।
अभियोजन अधिकारी के अनुसार इस मामले में सुनील के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने विवेचना के उपरांत अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया और बृहस्पतिवार को अदालत ने सुनवाई पूरी कर सजा सुनाई।
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