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अफसरों से बातचीत हुई, कुछ मुद्दों के लिए वहीं उन्हें जवाबदेह बनाया गया। हमारा फर्ज है कि हम लोगों के साथ तालमेल बनाए रखें। आज लगभग 24 अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों से मैं खुद मिला और यहां जो भी कमियां हैं उसके लिए हिदायत दी गई है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने डाक बंगले में पुंछ में विकास परियोजनाओं पर 21 सार्वजनिक प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठक की। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव के बाद जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए आज हम पुंछ आए थे। जम्मू में ये पहला जिला है जहां हमने विकास के हवाले से अधिकारियों की बात सुनी है। यहां लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि भी मौजूद थे। अफसरों से बातचीत हुई, कुछ मुद्दों के लिए वहीं उन्हें जवाबदेह बनाया गया। हमारा फर्ज है कि हम लोगों के साथ तालमेल बनाए रखें। आज लगभग 24 अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों से मैं खुद मिला और यहां जो भी कमियां हैं उसके लिए हिदायत दी गई है।
इससे पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उनके लिए विशेष रूप से रखी गई बड़ी कुर्सी पर बैठने से इनकार कर दिया। अब्दुल्ला ने चट्ठा स्थित शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसकेयूएएसटी) के मुख्य परिसर में चार दिवसीय ‘राष्ट्रीय कृषि शिखर सम्मेलन एवं किसान मेले’ का उद्घाटन किया। मंच पर पहुंचे अब्दुल्ला ने देखा की उनकी कुर्सी बड़ी थी। उन्होंने एसकेयूएएसटी के प्रबंधन से उनके लिए भी मंच पर बैठे अन्य लोगों जैसी कुर्सी रखने का अनुरोध किया।
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जम्मू के प्रति चिंता नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने दरबार मूव के महत्व पर भी जोर दिया और उसे एक ऐसी परंपरा बताया जो दोनों क्षेत्रों के बीच एकता और सद्भाव को बढ़ावा देती थी। इसके तहत सरकार श्रीनगर और जम्मू से छह-छह महीने तक काम करती थी।
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