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महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में एक सीट कोपरी पाचपाखाडी सीट है। यह सीट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पारंपरिक सीट बन चुकी है। बता दें कि इस सीट से 5वीं बार जीत हासिल करने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव इस बार काफी दिलचस्प है। क्योंकि राज्य की दो राजनैतिक पार्टियां शिवसेना और एनसीपी इस बार अपने करीबियों के गुटबंदी से परास्त होकर दो भागों में बंट गई। शिवसेना की कमान राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे के हाथों में आ गई, तो वहीं एनसीपी की कमान अजित पवार के हाथों में। ऐसे में मजबूरन उद्धव ठाकरे और शरद पवार को नई पार्टी बनानी पड़ी और जिन्हें अब शिवसेना UBT और एनसीपी SP के नाम से जानते हैं। इस विधानसभा चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों के लिए यह चुनावी लड़ाई प्रतिष्ठा का सवाल और साख बचाने की लड़ाई बन गई है। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से एक सीट कोपरी पाचपाखाडी सीट है, यह राज्य की हॉट सीट में आती है।
सीएम शिंदे का दबदबा
राज्य की 288 विधानसभा सीटों में एक सीट कोपरी पाचपाखाडी सीट है। यह सीट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पारंपरिक सीट बन चुकी है। बता दें कि इस सीट से 5वीं बार जीत हासिल करने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं। एकनाथ शिंदे के खिलाफ शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने केदार दिघे को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। उद्धव ठाकरे गुट के केदार दिघे शिवसेना के दिग्गज नेता आनंद दिघे के भतीजे माने जाते हैं।
चुनावी इतिहास
साल 1978 और 1980 के चुनावी इतिहास की बात करें, तो कोपरी पाचपाखाडी सीट INC (I) के हिस्से में आई थी। इसके बाद साल 1985 से लेकर 1999 तक इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। फिर साल 1995 में इस सीट पर कांग्रेस ने झंडा गाड़ा था। वहीं साल 2009 से लेकर 2019 तक इस सीट पर शिवसेना का दबदबा कायम रहा है। 2004 में एकनाथ शिंदे पहली बार थाने सीट से विधायक बने थे। जब साल 2009 में कोपरी पाचपाखाडी सीट बनी, तब से एकनाथ शिंदे यहां पर अपना दबदबा बनाए हुए हैं। ऐसे में इस बार यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि क्या इस बार भी एकनाथ शिंदे यहां पर अपना जादू बरकरार रख पाएंगे या नहीं।
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