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दिल्ली से आई पर्यटक ने प्रभासाक्षी से कहा कि उन्होंने पतझड़ के मौसम में पेड़ों का इतना खूबसूरत नजारा पहले कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा, “कश्मीर में शरद ऋतु का मौसम देश के अन्य हिस्सों की तुलना में कहीं अधिक मनमोहक और मनभावन होता है।”
कश्मीर में इन दिनों पतझड़ के मौसम का लुत्फ लेने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। हम आपको बता दें कि पतझड़ के मौसम के बाद कश्मीर में सर्दियां शुरू हो जाएंगी और तीन महीने तक जबरदस्त ठंड के साथ बर्फ़बारी होती रहेगी। पतझड़ के मौसम के दौरान कश्मीर में जब चिनार के पत्ते सूखकर ज़मीन पर गिरते हैं तो पूरा नजारा ही रोमांटिक हो जाता है। चिनार के सूखे पत्तों पर चलना एक अलग अहसास देता है और ऐसा लगता है कि जैसे चारों ओर सोना बिखरा हुआ हो। कश्मीर में जैसे लोग बर्फबारी के समय एक दूसरे पर बर्फ डाल कर खेल का आनंद लेते हैं उसी तरह पतझड़ के मौसम में एक दूसरे पर चिनार के पत्ते फेंकने का आनंद भी लेते हैं। यहाँ तक कि जब पतझड़ के मौसम में चिनार से पत्ते गिरना शुरू हो जाते हैं तो लोग इनको साफ करने की बजाय इसका आनंद लेते हैं। इस समय मुगल गार्डन पर्यटकों के विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। ‘चिनार के पेड़ों’ की पतझड़ से जो सुंदर दृश्य बना है उसे देखने देश के कोन-कोने से यहां पर्यटक आ रहे हैं। पर्यटक तस्वीरें लेते हैं, रील बनाते हैं और गिरे हुए पत्तों पर चलते हैं।
दिल्ली से आई पर्यटक ने प्रभासाक्षी से कहा कि उन्होंने पतझड़ के मौसम में पेड़ों का इतना खूबसूरत नजारा पहले कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा, “कश्मीर में शरद ऋतु का मौसम देश के अन्य हिस्सों की तुलना में कहीं अधिक मनमोहक और मनभावन होता है।” गुजरात से आए एक अन्य पर्यटक ने कहा कि वे पतझड़ के मौसम और पैरों के नीचे सरसराती हुई पत्तियों को देखने आए हैं। उन्होंने कहा कि हम पतझड़ के मौसम में चिनार के पेड़ देखने आए हैं, चिनार के पत्तों के गिरने और कुरकुरे पत्तों पर चलने से ज्यादा सुंदर अनुभव कुछ नहीं है।
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